क्या आपके साथ ट्रेन में कभी मजेदार घटना घटी है?

एक बार मुझे भुसावल से मुम्बई जाना था।

पवन एक्सप्रेस से सतना से आ रहा था अर्जेंट में भुसावल कोच में ही बर्थ मिला था, डब्बा भुसावल में काट दिया गया। उतरना पड़ा था। दूसरे डिब्बे के लिए बहुत कोशिश किया पर असफल रहा। बड़ी भीड़ थी।

रात के नौ बजे थे। सोचा छोड़ो अब खाना खा के दूसरा ट्रेन पकडुंगा।

रात को विदर्भ एक्सप्रेस मिली पर बर्थ नहीं मिली। जेनरल में चढ़े। डब्बे के अंत में टायलेट के तरफ का एक 6 सीट का एक एरिया बहुत खाली था मैं लपक के उपर वाले पर बैग डाला और लेट गया

सुबह जब ट्रेन कल्याण पहुंची तब नींद खुली। उतरना था। जब नीचे वाले सीट के नीचे देखा तो तीन लासें पड़ी थी।

फिर दादर में अगले स्टेशन पर मैं उतर गया।अब समझ में आ रहा था कि ट्रेन में इतनी भीड़ थी पर जहां मैं सोया वो जगह ख़ाली क्यों थी। अभी भी सोचता हूं कि 3 लास डेडबोडी के साथ रात काटा।

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