मेरी विदेश यात्रा

मेरा ट्रांसफर हुआ़ था ओमान में, हम लोग साउथ ओमान में थे, वहीं साउथ ओमान आयेल फिल्ड में काम था। कहीं भी कोई कमी नहीं थी।

हमलोग अक्सर ही राउंड पर जाया करते थे तीन चार सौ किलोमीटर का रेगिस्तान के आयल पंप का राउंड रहता था।

दो खतरा था वहां, पहला यमनी लुटेरे जो कभी भी सारा कुछ छिन लेंगे गाड़ी भी तथा दूसरा रेगिस्तान में गाड़ी खराब होना। गाड़ी खराब होने पर वहीं रहना है, यदि शाम को नहीं लौटे तो खोजने के लिए हेलीकॉप्टर जाता था। मैं कभी नहीं फंसा, कुछ लोग फंसते थे।

दिन भर काम करना था साथ में हमारे हिन्दूस्तानी श्रमिक ही थे।

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