ये नहीं कि समस्या का कुछ हो ही नहीं सकता...

ऐसा होता है कई बार, पर इसका मतलब इसका मतलब है कि आप जीवित हैं। आप को जगना है कुछ करना है। ये नहीं कि समस्या का कुछ हो ही नहीं सकता, ऐसा हो सकता है कि अभी अंधेरा है मुझे रास्ता नहीं दिख रहा तो मैं अंधा हो गया, धीरज रखें सूरज निकलेगा, रास्ता नजर आयेगा, काम होगा। समस्या तो हमें जीना सिखाती है। समस्या हमें जगाती हैं। समस्या हमें कुछ करने पर मजबूर करती है। समस्या को ज्यादा संकट ना समझे बस लगे रहे सब सही होगा। एक आदमी को बहुत सारी समस्या थी हमेशा दुखी रहता था भगवान से प्रार्थना करता रहता था यहां वहां मित्र पड़ोसी साधु संतों के चक्कर में ही रहता था। एक बार भगवान प्रकट हो गये बोले वत्स आप जैसे भद्र पुरुष के लिए ये धरती सही नहीं है चलो मेरे साथ चलो। उसने झट से भगवान के चरणों में लोट गया कहने लगा, नहीं प्रभु ऐसी तो कोई बात नहीं है मैं तो मज़ाक कर रहा था। समस्या सब को है अब भगवान की समस्या सुने उन्होंने कर्ण को बताया था। कृष्ण : कर्ण, मेरा जन्म मेरे ही मामा के कारागार में हुआ। कृष्ण : जन्म से पहले ही मृत्यु मेरी प्रतीक्षा में घात लगाए थी। कृष्ण : जिस रात मेरा जन्म हुआ था उसी रात को मुझे मेरे मात-पिता से दूर कर दिया गया था। कृष्ण : कर्ण तुम्हारा बचपन खड्ग, रथ, घोड़े, धनुष्य और बाण की ध्वनि सुनते हुए बीता। मुझे गौशाला, गोबर, ग्वालों के बीच जीना पड़ा और कई प्राणघातक हमले झेलने पड़े। कृष्ण : मेरे पास कोई सेना नहीं थी, मुझे कोई शिक्षा नहीं मिली थी। इतना ही नहीं मुझे तानों और समस्याओं के बीच जीना पड़ा। कर्ण जब तुम्हारे गुरु तुम्हारे शौर्य और शक्ति पर गर्व कर रहे थे तब उस उम्र तक मुझे शिक्षा तक नहीं मिली थी। 16 साल का होने पर मुझे ऋषि सांदीपन के गुरुकुल पहुंचा गया था। कृष्ण : कर्ण तुमने अपनी पसंद की कन्या से विवाह किया था और मुझे जिस कन्या से प्रेम था, वह नहीं मिली और मुझे उनसे विवाह करना पड़ा, जिनकी चाहत मैं था अथवा जिन कन्याओं को मैने असुरों से बचाया था। कृष्ण : मेरे पूरे समाज को यमुना के किनारे से जरासंध के भय से हटना पड़ा और दूर समुद्र के किनारे बसना पड़ा। रण से पलायन के कारण मुझे भीरु तक कहा गया। कृष्ण : यदि दुर्योधन युद्ध जीतता है, तो तुम्हें बहुत श्रेय मिलेगा, लेकिन सोचो धर्मराज अगर जीतता है तो मुझे क्या मिलेगा? कृष्ण : मुझे केवल युद्ध और युद्ध से पैदा हुई समस्याओं के लिए दोष ठहराया जाएगा। कृष्ण : एक बात का स्मरण रहे कर्ण, हर किसी की जिंदगी चुनौतियांं और समस्या भरी होती है कोई नहीं बचा है इस से………पर खोजें लगे रहे समाधान है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

परिवार में सामंजस्य कैसे बढे

क्या आपके साथ ट्रेन में कभी मजेदार घटना घटी है?

जी हां पति भी भगवान है यदि हमारी पत्नी लक्ष्मी है तो उसके पति विष्णु ही हुए।